कोरोना वायरस से बचाव के लिए साबुन बेहतर है या सैनिटाइजर?

कोरोना वायरस से बचाव के लिए साबुन बेहतर है या सैनिटाइजर?

अम्बुज यादव

चीन में तबाही मचाने के बाद कोरोना वायरस अब पूरे विश्व में पैर पसार चुका है। अब तक इसकी वजह से लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं। यही नहीं इसकी वजह से करीब 6000 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं अब भारत में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। भारत में अब तक कोरोना की वजह से तीन लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 131 लोग इससे प्रभावित हो चुके हैं।

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इसके बढ़ते प्रकोप को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे महामारी घोषित कर दी है। वहीं भारत सरकार भी अपने यहां स्कूल,कॉलेज और सिनेमा हाल आदि बंद करवा दिए है। इसके अलावा इससे बचने के लिए लोगों को साफ सफाई रखने की सलाह भी दी गई है। क्योंकि यह गंदगी से ज्यादा फैलता है। इसके अलावा लोगों को हाथ धुलने के लिए सैनिटाइजर के इस्तेमाल की सलाह दी गई है और हमेशा मास्क पहनने के लिए कहा गया है। इसलिए लगभग लोग मास्क पहनना शुरु कर दिए है और हाथ धुलने के लिए सैनिटाइजर का प्रयोग कर रहे है। हांलाकि इसके बावजूद अब एक नई बहस चल रही है कि वायरस मारने के लिए साबुन बेहतर है या सैनिटाइजर?

यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ वेल्स के प्रोफेसर पॉल थॉर्डर्सन ने कोरोना वायरस से बचने के लिए साबुन को ज्यादा बेहतर विकल्प बताया है। साबुन वायरस में मौजूद लिपिड का आसानी से खात्मा कर सकता है। दरअसल साबुन में फैटी एसिड और सॉल्ट जैसे तत्व होते हैं जिन्हें एम्फिफाइल्स कहा जाता है साबुन में छिपे ये तत्व वायरस की बाहरी परत को निष्क्रिय कर देते हैं।

करीब 20 सेकंड तक हाथ धोने से वो चिपचिपा पदार्थ नष्ट हो जाता है जो वायरस को एकसाथ जोड़कर रखने का काम करता है। आपने कई बार महसूस किया होगा कि साबुन से हाथ धोने के बाद स्किन थोड़ी ड्राइ हो जाती है और उसमें कुछ झुर्रियां पड़ने लगती हैं। दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि साबुन काफी गहराई में जाकर कीटाणुओं को मारता है।

अब बात करते हैं कि सैनिटाइजर क्यों साबुन जितना प्रभावशाली नहीं है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के एक शोध के मुताबिक जेल, लिक्विड या क्रीम के रूप में मौजूद सैनिटाइजर कोरोना वायरस से लड़ने में साबुन जितना बेहतर नहीं है। कोरोना वायरस का सामना सिर्फ वही सैनिटाइजर कर सकेगा जिसमें एल्कोहल की मात्रा अधिक होगी। सामान्य तौर पर इस्तेमाल होने वाला साबुन इसके लिए ज्यादा बेहतर विकल्प है।

(साभार- आज तक)

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